Saturday, March 12, 2011

महात्मा बेनी माधव दास ने मूल गोसाईं.....



महात्मा बेनी माधव दास ने मूल गोसाईं चरित में मीराबाई और तुलसीदास के पत्राचार का उल्लेख किया किया है। अपने परिवार वालों से तंग आकर मीराबाई ने तुलसीदास को पत्र लिखा। मीराबाई पत्र के द्वारा तुलसीदास से दीक्षा ग्रहण करनी चाही थी। मीरा के पत्र के उत्तर में विनयपत्रिका का निम्नांकित पद की रचना की गई।
जाके प्रिय न राम वैदेही
तजिए ताहि कोटि बैरी समजद्यपि परम सनेही ।
सो छोड़िये
तज्यो पिता प्रहलादविभीषन बंधुभरत महतारी ।
बलिगुरु तज्यो कंत ब्रजबनितन्हिभये मुद मंगलकारी ।
नाते नेह राम के मनियत सुहृद सुसेव्य जहां लौं ।
अंजन कहां आंखि जेहि फूटैबहुतक कहौं कहां लौं ।
तुलसी सो सब भांति परमहित पूज्य प्रान ते प्यारो ।

3 comments:

  1. शुभागमन...!
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    नये ब्लाग लेखकों के लिये उपयोगी सुझाव.

    उन्नति के मार्ग में बाधक महारोग - क्या कहेंगे लोग ?

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    Sri Gosai charitra by Sri Beni Madhav Das
    to
    maildrlalitha@gmail.com

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