Wednesday, December 22, 2010

बुधवार, 22 दिसंबर 2010




बुधवार, 22 दिसंबर 2010 युगाब्द 5112, विक्रम संवत् 2067,
शालिवाहन शक (शक संवत्) 1932,
संवत्सर नाम : शोभन
दक्षिणायन, शिशिर ऋतु।
बुधवार, 22 दिसंबर 2010



मास : मार्गशीर्ष।
पक्ष : कृष्णपक्ष।
तिथि : प्रतिपदा तिथि सुबह 10 बजकर 15 मिनट तक, इसके बाद द्वितीया तिथि शुरू।
वार : बुधवार।
नक्षत्र : आर्दा नक्षत्र दोपहर 3 बजकर 7 मिनट तक, इसके बाद पुनर्वसु नक्षत्र की शुरुआत।
योग : ब्रहम योग अर्द्धरात्रि 2 बजकर 9 मिनट तक, इसके बाद ऐंद्र योग शुरू।
करण : कौलवकरण दोपहर 12 बजकर 10 मिनट तक, इसके बाद तैतिलकरण शुरू।
ग्रह स्थिति : चंद्रमा दिनरात मिथुन राशि में संचार करेगा। आज से ही राष्ट्रीय पौष शुरू।
प्रस्तुति: शंकर वर्मा।
बुधवार, 22 दिसंबर 2010

बाल साहित्य के सफलतम साहित्यकार


                                   (1936 जन्म.ई. मृत्युः1990 ई)
   जीवन-परिचय 
बाल साहित्य के सफलतम साहित्यकार जय प्रकाश भारती का जन्म सन् 1936 में उत्तर प्रदेश  के मेरठ नगर में हुआ था ।  इनके पिता श्री रधुनाथ सहाय,एडवोकेट मेरठ के पुराने कांग्रेसी और प्रसिद्ध समाजसेवी थे ।  मेरठ विश्वविद्यलय से बी.एस सी.तक अध्ययन करके आप पिता श्री के पदचिन्हों का अनुकरण करते हुए समाज सेवा में लग गए ।  मेरठ में साक्षरता प्रसार के कार्य में आप का उल्लेखनीय योगदान रहा । कई वर्शों तक इन्होंने निःशुल्क प्रौढ़ रात्रि.पाठशाला का संचालन भी किया । सम्पादन.कला विशारद उपाधि लेकर आपने दैनिक प्रभात तथा नव भारत टाइम्स में पत्रकारिता का व्याहारिक प्रशिक्षण भी प्राप्त किया हिन्दी के पत्रकारिता जगत और किशोरोपयोगी  वैज्ञानिक साहित्य के क्षेत्र में इन्होंने सराहनीय कार्य के क्षेत्र में इन्होंने सराहनीय कार्य किया ।  सन् 1990 को इस साहित्यकार का निधन हो गया। प्रस्तुति: शंकर वर्मा। बुधवार, 22 ,दिसम्बर 2010 

Saturday, December 18, 2010

सगुण काव्य धारा की श्रीकृष्ण .

                                         जीवन परिचय,
रसखान सगुण काव्य.धारा की श्रीकृष्ण .भक्ति शाखा के कवि थे। इनका नया नाम इब्राहीम था। इनका जन्म सन्1533 ई में पिहानी.हरदोई  (उ.प्र) में हुआ था और इनका बचपन तालुकेदारी माहौल में सुख से व्यतीत हुआ। वे बाल्यावस्था में ही पिहानी से दिल्ली आए और वहां राजतन्त्र से जुड़ गए। सन्.1555.56 के लगभग दिल्ली में भीषण राज.विप्लव और अकाल के कारण कवि का हृदय दुःखी हो गया जिसके कारण ये ब्रजधाम पधारे। इन्होंने दिल्ली से ब्रज आने की कथा इस प्रकार दी है.
देखि गदर हित,साहिबी,दिल्ली नगर मसान।
छिनहिं बादसा.बंस की ठसक छोरि रसखान।।
प्रेम निकेतन श्री वनहिं आइ गोबर्धन.धाम।
लहावो सरन चित चाहि कै,जुगल सरूप लालम।।
राज विप्लव से व्यथित होकर ये गोवर्धन चले आए और वहां अपना जीवन श्रीकृष्ण  के भजन कीर्तन में समर्पित कर दिया तथा इन्हें गोस्वामी विटठ्ल नाथ जी ने दीक्षा दी।
रसखान श्रीकृष्ण के अनन्य भक्त थे, उसी दिव्य प्रेम के सहारे जीवनयापन करते हुए सन् 1618 ई में गोलोक वासी हुए इनकी समाधि महावन में आज भी विद्यमान है।
  प्रस्तुति: शंकर वर्मा। शुनि वार, 17 दिसम्बर 2010

Friday, December 17, 2010

सुभद्रा कुमारी चौहान



जीवन-परिचय
सुभद्रा जी का जन्म सन् 1904 ई में प्रयाग के निहालपुर नामक मोहल्ले में हुआ था। पिता का नाम ठाकुर रामनाथ सिंह था। क्रास्थवेस्ट कॉलेज में शिक्षा  प्राप्त करते हुए देश  प्रेम से प्रभावित हुईं और स्वतंत्रता-संग्राम में रूचि लेने लगीं। आपका विवाह खण्डवा निवासी ठा-लक्ष्मण सिंह के साथ हुआ। सुभद्रा जी ने काव्य-रचना के साथ साथ स्वतंत्रता संग्राम में भी भाग लेना प्रारम्भ कर दिया। गांधी जी के असहयोग आन्दोलन में भाग लेने के कारण इनको अनेक बार कारावास जाना पड़ा।फिर भी ये राष्ट्रीय विचारों एवं गतिविधियों में संलिप्त रहीं और काव्य रचना करती रहीं। आपका देहावसान सन् 1948 ई0 में हुआ। प्रस्तुति: शंकर वर्मा। शुक्रवार, 17 दिसम्बर 2010

Wednesday, December 15, 2010

बुधवार, 15 दिसंबर 2010


बुधवार, 15 दिसंबर 2010
बुधवार, 15 दिसंबर 2010 युगाब्द 5112, विक्रम संवत् 2067,
शालिवाहन शक (शक संवत्) 1932,
संवत्सर नाम : शोभन
दक्षिणायन, हेमंत ऋतु।
बुधवार, 15 दिसंबर 2010



मास : मार्गशीर्ष।
पक्ष : शुक्लपक्ष।
तिथि : नवमी तिथि सुबह 11 बजकर 4 मिनट तक, इसके बाद दशमी तिथि शुरू।
वार : बुधवार।
नक्षत्र : उत्तर भाद्रपद नक्षत्र सुबह 10 बजकर 20 मिनट तक, इसके बाद रेवती नक्षत्र की शुरुआत।
योग : व्यतिपात योग सुबह 11 बजकर 52 मिनट तक, इसके बाद वरियान योग शुरू।
करण : कौलवकरण सुबह 11 बजकर 4 मिनट तक, इसके बाद तैतिलकरण शुरू।
ग्रह स्थिति : चंद्र मीन राशि में, सूर्य वृश्चिक राशि में, मंगल धनु में, बुध धनु में, गुरू मीन में, शुक्र तुला में, शनि कन्या राशि में, राहु धनु में और केतु मिथुन राशि में स्थित है।

प्रस्तुति : वीएचवी। शंकर वर्मा । 15 दिसंबर 2010